Tuesday, January 26, 2021

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं | डॉ. वर्षा सिंह

Dr Varsha Singh
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

 तुलसीदास ने  रामचरितमानस में रामराज्य को इस तरह वर्णित किया है -

दैहिक दैविक भौतिक तापा। 
राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। 
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥

अर्थात् 'रामराज्य' में दैहिक, दैविक और भौतिक ताप किसी को नहीं व्यापते। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते हैं और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं।                          
    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने  भी जिस रामराज्य की कल्पना की थी वह यही थी....
नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना।
नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना।।

अर्थात्  न कोई दरिद्र हो, न दुःखी हो और न दीन ही हो। न कोई मूर्ख है और न शुभ लक्षणों से हीन ही हो।
आईए,  गणतंत्र दिवस के दिन हम आज उसी रामराज्य का आह्वान करें अपने देश भारत के लिए 🙏

4 comments:

  1. आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।🇮🇳

    जय हिन्द 🇮🇳

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    1. सुस्वागतम् शिवम् कुमार पाण्डे जी 🙏

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  2. बहुत सुन्दर।
    रामराज्य की कल्पना महाकवि तुलसी दास जी ने की है।
    72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय शास्त्री जी 🙏
      आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

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